Madhushala (मधुशाला) by Harivansh Rai Bachchan । Hindi poetry book
मधुशाला का रसपान लाखों लोग अब तक कर चुके हैं और भविष्य में भी करते रहेंगे,लेकिन यह 'कविता का प्याला' कभी खाली होने वाला नहीं है, जैसा बच्चन जी ने स्वयं लिखा है-
भावुकता अंगूर लता से
खींच कल्पना की हाला,
कवि साकी बनकर आया है
भरकर कविता का प्याला;
कभी न कण भर खाली होगा,
लाख पिएँ, दो लाख पिएँ!
पाठक गण हैं पीनेवाले,
पुस्तक मेरी मधुशाला।
'मधुशाला' हरिवंश राय बच्चन की एक काव्य पुस्तक है। यह इस लेखक की अनूठी रचना है। यह पाठकों को अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है।
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Book details:-
- Publisher : Rajpal & Sons (Rajpal Publishing); 2015th edition (7 June 1997)
- Language : Hindi
- Hardcover : 80 pages
- ISBN-10 : 8170283442
- ISBN-13 : 978-8170283447
- Item Weight : 254 g
- Dimensions : 13.97 x 0.79 x 21.59 cm
- Type of book : काव्य पुस्तक
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