Banaras Talkies (बनारस टॉकीज़) by Satys Vyas । Hindi Book
'बनारस टॉकीज़' यह उपन्यास के बारे में कई समीक्षा:
• सत्य व्यास की कलम में नशा-सा है। -दीपक दुआ, फिल्म समीक्षक
• यह उपन्यास अपनी शैली और कथानक की रफ्तार को वजह से अपनी ओर ध्यान स्खोंचता है। -इंडिया टुडे (हिन्दी)
• साल की सबसे चर्चित किताब है बनारस टॉकीज। -आउटलुक (हिन्दी)
• किरणों का जखीरा है बनारस टॉकीज। -दैनिक भास्कर
• काशी को समझने की कोशिश है बनारस टॉकीज। -आईबीएन लाइव
• कॉलेज के दिनों की मौज- मस्ती और साथियों के साथ की जाने वाली चुहलबाजी को
यादों को तरोजाना करना चाहते हैं तो इस उपन्यासको पढ़ सकते हैं। -नवभारत टाइम्स
• छात्र-जीवन पर आधारित अच्छी किताबें अंग्रेजी में ही लिखी जा सकती है. इस मिथक को झारखंड के बोकारो में पले-बढ़े युवा लेखक सत्य व्यास ने तोड़ दिया है। -प्रभात खबर
• कालेज के दिनों को तरोताजा करेगी बनारस टॉकीजा -अमर उजाला
• Excellent start with fantastic and... Dr. Girish Chandra Mishra, BHU.
• Refreshing to reada contemporary writer in Hindi..Manish Jha, 'Matrubhoomi', 'Anwar' fame filmmaker
• Congratulation for writing such an interesting book named.. 'BANARAS TALKIES. Gyan Sahay. Cinematographer. Director:
Antakshari/Saregama/Boumvita QuizinZANTV.
• काशी का अस्सी के बाद ऐसी टटकी हुई भाषा और ऐसा निहंगपन इस किताब में देखने को मिला है। -दैनिक जागरण
बनारस टॉकीज़ साल 2015 का सबसे ज़्यादा चर्चित हिंदी उपन्यास है। साल 2016 और 2017 में भी ख़ूब पढ़े जाने का बल बनाए हुए है। सत्य व्यास का लिखा यह उपन्यास काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रावासीय जीवन का जो रेखाचित्र खींचता है वो हिंदी उपन्यास लेखन में पहले कभी देखने को नहीं मिला। इस किताब की भाषा में वही औघड़पन तथा बनरासपन है जो इस शहर के जीवन में। सत्य व्यास 'नई वाली हिंदी’ के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखक हैं।
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